What is Pod taxi or personal rapid transit (PRT) meaning kya hai or pod car india in hindi | पोड टैक्सी क्या है ? और भारत की पोड टैक्सी कहा और कब स्टार्ट होंगी
पोड टैक्सी क्या है ? और भारत की पोड टैक्सी कहा और कब स्टार्ट होंगी। What is Pod taxi or personal rapid transit (PRT) meaning kya hai or pod car india in hindi
पोड टैक्सी को भारत में लाने की प्रिपरेशन गवर्नमेंट की और से शुरू हो गई हे। इस योजना के लिए सरकार करीबन 4000 करोड़ रूपये का बजट रख रही हे। सरकार ने इसके लिए एक समिति का गठन भी किया हे। जो टेक्निकली इस पर पूरा ब्यौरा देंगी। इसमें 5 मेम्बर रखे गए हे जिनके ऊपर इस प्रोजेक्ट का देखभाल करने का जिम्मा होगा। सबसे पहले इसको दिल्ली में स्टार्ट किया जाना हे। इस कार की मदद से प्राइवेट कम्पनीओ में काम करने वाले लोगो को ज्यादा फायदा मिलेगा। यह हवा में कार से उड़ान भरने का सपना हे। जो की अब बहुत जल्द पूरा होने वाला है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने ये कार दिल्ली - हरियाणा की सिमा से राजीव चौक तक चलाने की घोषणा कर दी हे। अभी इस योजना की शुरुआत में 12 . 13 किलोमीटर तक ही यह कार चलाई जाएंगी। इस प्रोजेक्ट को सरकार पूरा करने के लिए प्राइवेट कोम्पनिओ को भी जोड़ सकती हे। मतलब यह हे की इसमें सरकारी और निजी क्ष्रेत्र के लोग भी शामिल हो सकते हे।
पोड टैक्सी क्या हे ? What is Pod taxi or personal rapid transit (PRT)
पोड कार के बारे में यह जानकारी मिल रही हे की यह कार सौर ऊर्जा से चलेंगी। मतलब साफ हे की देश में लगातार वाहनों की वजह से जो प्रदुषण बढ़ रहा हे उसको रोकने में काफी हद तक सफलता मिल सकती हे। दूसरा बड़ा फायदा ये होगा की घनी आबादी के कारन लोगो को ट्रैफिक का भी बहुत अधिक सामना करना पड़ता हे और अपने घर तक या मंजिल तक पहुंचने के लिए कई वाहनों को बदलना पड़ता हे। इस पोड कार के आने से इस प्रॉब्लम का भी सामना आसानी से किया जा सकता हे।
पोड कार का इतिहास (Pod Car Development History )
इसको सबसे पहले इसकी संरचना करने का विचार डॉन फिक्टर नाम के एक यातायात की योजना बनाने वाले द्वारा 1953 में दिया गया था। इसके बाद सन 1968 में इसको पहली बार एक प्रारूप दिया गया। इसमें काफी सालो से काम चल रहा था। 2010 में मेक्सिकन के एक कॉलेज ने इसका आर्टिफीसियल इंटेलिजेंट प्रारूप विकसित करके सं 2014 गौडलजारा नामक जगह पर इस कार का परिक्षण किया गया। हालांकि पहली पोड कार वेस्ट वर्यूनिवर्सिटी में चलायी गई थी। 1970 में यह करनामा किया गया था।
भारत जैसे देश में प्रदुषण की समस्या को हल करने के लिए पोड कार एक बेहतरीन ऑप्शन हे। इसके साथ साथ इस कार के आने से लोगो को जाम जैसी परेशानी से भी निजात मिल जाएगी। इसके अलावा इस कार को चलाने में किसी भी तरह का पेट्रोल या डीज़ल का इस्तेमाल नहीं होगा। यानी यह हमारे पर्यावरण के लिए संरक्षण भी काफी फायदेमंद रहेगा।
पोड टैक्सी को भारत में लाने की प्रिपरेशन गवर्नमेंट की और से शुरू हो गई हे। इस योजना के लिए सरकार करीबन 4000 करोड़ रूपये का बजट रख रही हे। सरकार ने इसके लिए एक समिति का गठन भी किया हे। जो टेक्निकली इस पर पूरा ब्यौरा देंगी। इसमें 5 मेम्बर रखे गए हे जिनके ऊपर इस प्रोजेक्ट का देखभाल करने का जिम्मा होगा। सबसे पहले इसको दिल्ली में स्टार्ट किया जाना हे। इस कार की मदद से प्राइवेट कम्पनीओ में काम करने वाले लोगो को ज्यादा फायदा मिलेगा। यह हवा में कार से उड़ान भरने का सपना हे। जो की अब बहुत जल्द पूरा होने वाला है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने ये कार दिल्ली - हरियाणा की सिमा से राजीव चौक तक चलाने की घोषणा कर दी हे। अभी इस योजना की शुरुआत में 12 . 13 किलोमीटर तक ही यह कार चलाई जाएंगी। इस प्रोजेक्ट को सरकार पूरा करने के लिए प्राइवेट कोम्पनिओ को भी जोड़ सकती हे। मतलब यह हे की इसमें सरकारी और निजी क्ष्रेत्र के लोग भी शामिल हो सकते हे।
पोड टैक्सी क्या हे ? What is Pod taxi or personal rapid transit (PRT)
पोड कार के बारे में यह जानकारी मिल रही हे की यह कार सौर ऊर्जा से चलेंगी। मतलब साफ हे की देश में लगातार वाहनों की वजह से जो प्रदुषण बढ़ रहा हे उसको रोकने में काफी हद तक सफलता मिल सकती हे। दूसरा बड़ा फायदा ये होगा की घनी आबादी के कारन लोगो को ट्रैफिक का भी बहुत अधिक सामना करना पड़ता हे और अपने घर तक या मंजिल तक पहुंचने के लिए कई वाहनों को बदलना पड़ता हे। इस पोड कार के आने से इस प्रॉब्लम का भी सामना आसानी से किया जा सकता हे।
पोड कार का इतिहास (Pod Car Development History )
इसको सबसे पहले इसकी संरचना करने का विचार डॉन फिक्टर नाम के एक यातायात की योजना बनाने वाले द्वारा 1953 में दिया गया था। इसके बाद सन 1968 में इसको पहली बार एक प्रारूप दिया गया। इसमें काफी सालो से काम चल रहा था। 2010 में मेक्सिकन के एक कॉलेज ने इसका आर्टिफीसियल इंटेलिजेंट प्रारूप विकसित करके सं 2014 गौडलजारा नामक जगह पर इस कार का परिक्षण किया गया। हालांकि पहली पोड कार वेस्ट वर्यूनिवर्सिटी में चलायी गई थी। 1970 में यह करनामा किया गया था।
भारत जैसे देश में प्रदुषण की समस्या को हल करने के लिए पोड कार एक बेहतरीन ऑप्शन हे। इसके साथ साथ इस कार के आने से लोगो को जाम जैसी परेशानी से भी निजात मिल जाएगी। इसके अलावा इस कार को चलाने में किसी भी तरह का पेट्रोल या डीज़ल का इस्तेमाल नहीं होगा। यानी यह हमारे पर्यावरण के लिए संरक्षण भी काफी फायदेमंद रहेगा।
What is Pod taxi or personal rapid transit (PRT) meaning kya hai or pod car india in hindi | पोड टैक्सी क्या है ? और भारत की पोड टैक्सी कहा और कब स्टार्ट होंगी
Reviewed by Comnetin
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सोमवार, जनवरी 01, 2018
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