धतूरा के फायदे और नुकसान - Health Benefits of Dhatura in Hindi
धतूरे के अंदर कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसका इस्तेमाल करके हम स्वस्थ बने रह सकते हैं। आयुर्वेद की कई दवाओं में भी इसके पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है।
धतूरा के फायदे और नुकसान |
यह आपकी चोट के दर्द को चुटकियों में दूर कर सकता है। इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं, जिनके बारे में नीचे पूरी जानकारी दी जा रही है। इस बात का विशेष ध्यान दें कि धतूरे को खाने के लिए बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करना है। यह जानलेवा भी हो सकता है।
धतूरा (Dhatura)
धतूरे के फूल और पत्ते भगवान शिव को अति प्रिय हैं, धतूरा को शिवप्रिया, कृष्ण धतूरा और महामोही आदि नामों से भी जाना जाता है.
आयुर्वेद के ग्रंथों में इसे विष वर्ग में रखा गया है. इसके विभिन्न भागों का अल्प मात्रा में प्रयोग करने से अनेक रोग दूर होते हैं. लेकिन अगर इसका अधिक मात्रा में उपयोग किया जाए तो यह हानिकारक भी हो सकता है.
वैज्ञानिक नाम - Datura Stramonium
संस्कृत नाम - धृत, धत्तूर, कनक
हिंदी नाम - धतूरा, धतुर
अंग्रेजी नाम - थोर्न एप्पल
धतूरा का पौधा (Datura plant)
- धतूरा का पौधा अक्सर गर्म देशों में पाया जाता है, भारत में यह लगभग हर जगह पाया जाता है, धतूरा का पौधा जमीन से लगभग दो मीटर ऊंचा होता है.
- धतूरा के पौधे के प्रत्येक भाग का औषधीय रूप से उपयोग किया जाता है इसके पत्ते नुकीले, अंडाकार और बड़े डंठल वाले होते हैंं. धतूरा के फूल की आकृति घंटी के आकार की होती है व इसके फूल में पाँच पंखुड़ियाँ होती हैंं.
- प्रजातियों के अनुसार धतूरा के फूलों का रंग अलग-अलग होता है, धतूरा फल किसी भी प्रजाति का हो यह हमेशा गोल और कांटेदार होता है लेकिन धतूरा के फल के कांटे मुलायम होते हैं.
- धतूरा के पत्तों और फलों के सूखे बीज विशेष रूप से औषधीय प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाते हैं इसके बीज गहरे भूरे और काले रंग के होते हैं. धतूरा के साबूत बीजों में किसी प्रकार की गंध नहीं होती है लेकिन इनका स्वाद काफी कड़वा होता है.
धतूरा से होने वाले स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits of Datura)
धतूरा का प्रभाव गर्म होता है इसके गर्म प्रभाव के कारण धतूरा को आयुर्वेद में विशेष स्थान दिया गया है, धतूरा के औषधीय गुणों और पोषक तत्वों की मौजूदगी के कारण इसके सेवन से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं.
कान के किसी भी रोग में करें उपयोग
कान में दर्द |
कान में दर्द और सूजन की स्थिति में आप धतूरे का प्रयोग कर सकते हैं। धतूरे में एंटी-इन्फेल्मेट्री और एंटी-सेप्टिक गुण पाया जाता है। इस कारण से यह कान की इस समस्या को खत्म करता है।
गंजेपन की समस्या को करता है खत्म
- गंजेपन से परेशान लोग इसके रस को प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं। इसके रस में ऐसे विशेष गुण होते हैं, जो सीबम को स्वस्थ करते हैं और गंजेपन की समस्या को रोक देते हैं।
- अगर आप बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं तो धतूरा के बीज के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि आपके पास धतूरा का तेल उपलब्ध नहीं है तो सबसे अच्छा है कि आप धतूरा के बीजों को पीसकर पाउडर बना लें फिर इस पाउडर को पानी में मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें और इसे अपने स्कैल्प पर लगाएं.
- इस मिश्रण को बालों पर लगाने से नए बालों का विकास होता है और बाल भी स्वस्थ होते हैं. धतूरा का रस आँखों के लिए हानिकारक होता है, इसलिए प्रयोग करते समय सावधानी अवश्य रखें.
हड्डियों के जोड़ बनाता है मजबूत
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए भी धतूरे का उपयोग किया जाता है। धतूरे में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसका रस निकालकर हड्डियों के जोड़ पर मालिश करने से यह स्किन पोर से सोख लिया जाता है। जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है।
धतूरा सांस संबंधी समस्याओं में
धतूरा सांस संबंधी समस्याओं में |
- धतूरे के सेवन से श्वास संबंधी समस्याओं में आश्चर्यजनक लाभ होता है धतूरे का प्रयोग धूम्रपान के रूप में श्वास संबंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए किया जाता है.
- धतूरा में एंटीस्पास्मोडिक प्रभाव होता है जो इसे अस्थमा के इलाज में प्रभावी बनाता है, यह श्वसन प्रणाली को शांत करता है व खांसी से बचाता है, धतूरा का एंटीस्पास्मोडिक प्रभाव शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करता है जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है.
- धतूरा का उपयोग रोगी की स्थिति को देखते हुए एक निश्चित मात्रा में किया जाता है, इसलिए बिना चिकित्सकीय सलाह के धतूरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
धतूरा ह्रदय के लिए
शरीर और दिमाग को शांत करने के लिए तो धतूरा फायदेमंद है ही साथ में धतूरा के बीजों के सेवन से हृदय प्रणाली को लाभ मिलता है जिससे अनियंत्रित दिल की धड़कन, रक्तचाप, दिल का दौरा और स्ट्रोक की समस्या से राहत मिलती है.
प्रजनन क्षमता में वृद्धि
प्राचीन काल से, धतूरा का उपयोग पारंपरिक रूप से प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है, पारंपरिक चिकित्सा में धतूरा को धूम्रपान के रूप में सेवन करने से प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है. इसके अलावा धतूरा के बीजों को दूध या पानी के साथ सेवन करने से भी प्रजनन अंगों में रक्त संचार बढ़ता है जिससे यौन शक्ति में वृद्धि होती है.
गर्भावस्था में धतूरा
गर्भावस्था में धतूरा |
- धतूरा गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता है, यदि आप दर्दनाक गर्भावस्था या प्रसव से पीड़ित हैं तो धतूरा का सामयिक तरीके से उपयोग करना बहुत मददगार हो सकता है.
- इस दौरान होने वाले दर्द या मानसिक तनाव से राहत पाने के लिए धतूरे के फल का धुंआ भी लिया जा सकता है, धतूरे के फल में विश की मात्रा होती है इसलिए इसका सेवन करने से पहले किसी अनुभवी व्यक्ति या आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह करके ही इसका सेवन करें.
प्रतिरोधक क्षमता में
धतूरा के बीजों का इस्तेमाल आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं, धतूरा में एस्कॉर्बिक एसिड अच्छी मात्रा में मौजूद होता है. इसके अलावा धतूरा में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जिस कारण ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहयोगी होते हैं.
धतूरा से अनिद्रा उपचार
धतूरा अनिद्रा या अन्य नींद की गड़बड़ी से पीड़ित लोगों को प्रभावी रूप से आरामदायक नींद प्रदान कर सकता है. धतूरा में मौजूद धतूरा के शामक गुण बेहतर नींद लाने में सहायक होते हैं इसके अतिरिक्त वे हमारी आंतरिक नसों को आराम देने और हार्मोनल रिलीज को प्रेरित करने, दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं.
धतूरा के अन्य उपयोग
हड्डियों के दर्द |
- धतूरे के तेल का उपयोग मांसपेशियों और हड्डियों के दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है, यह तेल मृत कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने के लिए रामबाण है.
- धतूरा के बीजों, पत्तियों का उपयोग एंटीस्पास्मोडिक, हिप्नोटिक, एंटीमैटिक और नारकोटिक के रूप में भी किया जाता है.
- धतूरा के बीजों का प्रयोग त्वचा के ऊपरी हिस्सों में मौजूद फोड़े के उपचार के लिए उपयोगी होता है.
- बवासीर के मस्सों से राहत पाने के लिए धतूरा के पत्ते और फूलों को जलाकर इसके धुएं से बवासीर के मस्सों की सिकाई की जाती है
सावधानी : रखें इस बात का ध्यान
- इसे केवल त्वचा पर इस्तेमाल करना है। इसे खाना नहीं है, क्योंकि इसमें कुछ जहरीले तत्व भी पाए जाते हैं। ओरल रूप में किया गया इनका सेवन जानलेवा भी हो सकता है। खासकर इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
- अधिक मात्रा में सेवन करने पर धतूरा हृदय गति को बढ़ा सकता है, इसलिए हृदय रोगियों को धतूरा का सेवन बहुत कम मात्रा में और स्वास्थ्य सलाहकार से अनुमति लेकर ही करना चाहिए.
- धतूरा को त्वचा पर लगाने से खुजली की समस्या हो सकती है क्योंकि इनमें एंटीकोलिनर्जिक नामक रसायन होता है.
- इस लेख में इस बात पर जोर नहीं दिया गया है कि धतूरा एक विषैला पौधा है, साथ ही बिना उचित सलाह के इसका सेवन करने की अनुशंसा नहीं की जाती है.
बीमारी के लिए धतूरा के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए धतूरा का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
और पढ़ें :