ब्रेक अप के बाद अकेलापन में केसी हो जाती हे लड़को की हालत।
ब्रेक अप के बाद वह लड़कियों की तुलना में ज्यादा टूटन महसूस करते हे।
ब्रेकअप के बाद वह लड़कियों की तुलना में ज्यादा टूटन महसूस करते हैं। उनके लिए एक-एक पल जीना मुश्किल हो जाता है। उन्हें लगता है कि हर पल मौत के बराबर है। दरअसल इसी तरह की और भी स्थिति पुरुषों पर गुजरती है।
बात जब भी ब्रेक अप की आती है, तो माना जाता है कि लड़कियां सिचुएशन को रोकर, बातचीत करके हैंडल कर लेती हैं। लेकिन लड़कों के साथ ऐसा नहीं है।
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झटका
जब लड़की अपने मेल पार्टनर से कहती है कि इट्स ओवर, सब कुछ खत्म हो चुका है। यह कहना लड़की के लिए जितना मुश्किल होता है, उससे कही ज्यादा इस बात को सुनकर स्वीकार करना लड़कों के लिए मुश्किल होता है।
इस एक वाक्य से उन्हें इतना गहरा झटका लगता है कि कई दिनों उन्हें अपने सुने हुए पर भरोसा नहीं होता। उन्हें लगता है कि शायद यह बुरा ख्वाब है और जल्द ही उसकी पार्टनर उसके पास लौट आएगी। जबकि ऐसा नहीं होता।
दिलासा
लड़के ब्रेक होने के बाद कई दिनों तक खुद को दिलासा देते रहते हैं। वह खुद को ही कहते हैं कि नहीं, उसने ब्रेक अप नहीं किया। असल में उसे कुछ वक्त अकेले में गुजारना है।
इसलिए उसने ब्रेकअप का सहारा लिया। जैसे ही अकेलेपन से वह ऊब जाएगी, वह अपने पार्टनर के पास लौट आएगी। इस तरह की बातें अकसर लड़के खुद से अकेले में करते हैं और खुद को तसल्ली देते हैं।
अकेलापन
लड़की जब ब्रेकअप करके चली जाती है, तो लड़का मानसिक रूप से अकेला पड़ जाता है। वह न तो अपने दोस्तों के साथ कहीं घूमने के लिए निकलता है और न ही किसी के साथ फोन पर ही बातचीत करता है।
हद तो तब हो जाती है जब लड़का अपने कमरे या घर से कई-कई दिनों तक बाहर नहीं निकलता। वह इस उम्मीद में रहता है कि उसकी पार्टनर आकर उसे अकेलेपन से बाहर निकालेगी। लेकिन ऐसा नहीं होत। इसके उलट वह गहरे अकेलेपन में खोता चला जाता है।
निराशा
अकेले में अकसर लड़के यही सोचते हैं कि जब वह साथ थी तो उसके कभी कद्र नहीं की। लेकिन आज जब वह बहुत दूर जा चुकी है, तो उसकी कमी खल रही है। वह उसे पाने की हर संभव कोशिश करता है।
इतना ही नहीं वह अपनी पार्टनर की सहेलियों, परिचितों से भी कांटेक्ट करता है ताकि उसकी पार्टनर वापिस आ जाए। लेकिन ऐसा नहीं हो पाता। यह स्थिति लड़कों को और भी ज्यादा तोड़ देती है। नतीजतन वह और भी निराशा से घिर जाते हैं। हद तो यह होती है कि लड़के दूसरे कपल्स को देखकर भी निराशा से भर जाते हैं।
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अपरोधबोध
पार्टनर के चले जाने के बाद लड़कों की हालत वाकई बहुत खराब हो जाती है। उन्हें हर जगह अपनी पार्टनर नजर आती है।
वह चाहे दोस्तों के साथ हो, कहीं घूमने जाए या फिर किसी रेस्टोरेंट में बैठे। उसे लगता है कि उसकी पार्टनर यहीं कहीं आसपास है। झट से उसके पास आएगी और कहेगी कि उसने जो कुछ कहा, वह झूठ है।
इतना ही नहीं जब वह हकीकत की दुनिया से रूबरू होता है तो वह खुद को एक हारा हुआ इंसान समझने लगता है। उसे लगता है कि सब कुछ खत्म हो चुका है।
भविष्य ब्लैक होल की तरफ बढ़ रहा है। वह जीवन में और कुछ नहीं कर पाएगा। वह खुद को इस पृथ्वी का सबसे खराब हिस्सा मानने लगता है।
ब्रेक अप के बाद वह लड़कियों की तुलना में ज्यादा टूटन महसूस करते हे।
ब्रेकअप के बाद वह लड़कियों की तुलना में ज्यादा टूटन महसूस करते हैं। उनके लिए एक-एक पल जीना मुश्किल हो जाता है। उन्हें लगता है कि हर पल मौत के बराबर है। दरअसल इसी तरह की और भी स्थिति पुरुषों पर गुजरती है।
बात जब भी ब्रेक अप की आती है, तो माना जाता है कि लड़कियां सिचुएशन को रोकर, बातचीत करके हैंडल कर लेती हैं। लेकिन लड़कों के साथ ऐसा नहीं है।
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झटका
जब लड़की अपने मेल पार्टनर से कहती है कि इट्स ओवर, सब कुछ खत्म हो चुका है। यह कहना लड़की के लिए जितना मुश्किल होता है, उससे कही ज्यादा इस बात को सुनकर स्वीकार करना लड़कों के लिए मुश्किल होता है।
इस एक वाक्य से उन्हें इतना गहरा झटका लगता है कि कई दिनों उन्हें अपने सुने हुए पर भरोसा नहीं होता। उन्हें लगता है कि शायद यह बुरा ख्वाब है और जल्द ही उसकी पार्टनर उसके पास लौट आएगी। जबकि ऐसा नहीं होता।
दिलासा
लड़के ब्रेक होने के बाद कई दिनों तक खुद को दिलासा देते रहते हैं। वह खुद को ही कहते हैं कि नहीं, उसने ब्रेक अप नहीं किया। असल में उसे कुछ वक्त अकेले में गुजारना है।
इसलिए उसने ब्रेकअप का सहारा लिया। जैसे ही अकेलेपन से वह ऊब जाएगी, वह अपने पार्टनर के पास लौट आएगी। इस तरह की बातें अकसर लड़के खुद से अकेले में करते हैं और खुद को तसल्ली देते हैं।
अकेलापन
लड़की जब ब्रेकअप करके चली जाती है, तो लड़का मानसिक रूप से अकेला पड़ जाता है। वह न तो अपने दोस्तों के साथ कहीं घूमने के लिए निकलता है और न ही किसी के साथ फोन पर ही बातचीत करता है।
हद तो तब हो जाती है जब लड़का अपने कमरे या घर से कई-कई दिनों तक बाहर नहीं निकलता। वह इस उम्मीद में रहता है कि उसकी पार्टनर आकर उसे अकेलेपन से बाहर निकालेगी। लेकिन ऐसा नहीं होत। इसके उलट वह गहरे अकेलेपन में खोता चला जाता है।
निराशा
अकेले में अकसर लड़के यही सोचते हैं कि जब वह साथ थी तो उसके कभी कद्र नहीं की। लेकिन आज जब वह बहुत दूर जा चुकी है, तो उसकी कमी खल रही है। वह उसे पाने की हर संभव कोशिश करता है।
इतना ही नहीं वह अपनी पार्टनर की सहेलियों, परिचितों से भी कांटेक्ट करता है ताकि उसकी पार्टनर वापिस आ जाए। लेकिन ऐसा नहीं हो पाता। यह स्थिति लड़कों को और भी ज्यादा तोड़ देती है। नतीजतन वह और भी निराशा से घिर जाते हैं। हद तो यह होती है कि लड़के दूसरे कपल्स को देखकर भी निराशा से भर जाते हैं।
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अपरोधबोध
पार्टनर के चले जाने के बाद लड़कों की हालत वाकई बहुत खराब हो जाती है। उन्हें हर जगह अपनी पार्टनर नजर आती है।
वह चाहे दोस्तों के साथ हो, कहीं घूमने जाए या फिर किसी रेस्टोरेंट में बैठे। उसे लगता है कि उसकी पार्टनर यहीं कहीं आसपास है। झट से उसके पास आएगी और कहेगी कि उसने जो कुछ कहा, वह झूठ है।
इतना ही नहीं जब वह हकीकत की दुनिया से रूबरू होता है तो वह खुद को एक हारा हुआ इंसान समझने लगता है। उसे लगता है कि सब कुछ खत्म हो चुका है।
भविष्य ब्लैक होल की तरफ बढ़ रहा है। वह जीवन में और कुछ नहीं कर पाएगा। वह खुद को इस पृथ्वी का सबसे खराब हिस्सा मानने लगता है।
ब्रेक अप के बाद अकेलापन में केसी हो जाती हे लड़को की हालत।
Reviewed by Comnetin
on
मंगलवार, जुलाई 03, 2018
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