अजमोदा के फायदे, उपयोग और नुकसान - Ajmoda Benefits and Side Effects in Hindi

 अजमोदा के फायदे, औषधीय गुणों और प्रयोग  (Medicinal Benefits of Ajmoda in Hindi)

अजमोदा (ajmoda plant) सबसे महत्त्वपूर्ण सब्जी है। अजमोदा को कई स्थानों पर सेलेरी या बोकचॉय के नाम से भी जाना जाता है। सब्जियों के अलावा अजमोदा का प्रयोग सूप और सलाद में अधिक किया जाता है। जानते हैं अजमोदा के औषधीय गुणों और प्रयोग के बारे में। 

अजमोदा के फायदे, उपयोग और नुकसान - Ajmoda Benefits and Side Effects in Hindi

अजमोदा के फायदे, उपयोग और नुकसान
अजमोदा के फायदे, उपयोग और नुकसान

अजमोदा (Ajmoda Plant) का पौधा अजवायन (Ajmoda And Ajwain) के पौधे से मिलता-जुलता होता है, लेकिन इसका पौधा अजवायन के पौधे से थोड़ा बड़ा होता है और इसके दाने भी अजवायन से बड़े आकार के होते हैं। लगभग सभी प्राचीन एवं आधुनिक आयुर्वेदीय ग्रन्थों में अजमोदा का वर्णन पाया जाता है। 

अजमोदा क्या है? (What is Ajmoda in Hindi?)

अजमोदा (Ajmoda Plant) ढेर सारे पत्तों और सफेद फूलों वाली द्विवार्षिक पौधा है। इसके चमकीले हरे पत्ते बिखरे तथा सिकुडे हुए होते हैं। अजमोदा के दो प्रमुख प्रकार हैं। एक जो पत्तों के लिए बढ़ाई जाती हैं और दूसरी जो शलजम जैसी जडों के लिए बढ़ाई जाती है। इसके फूलने वाला डंठल दूसरे साल में 100 से.मी. तक लंबे हो जाते हैं।

इसके फूल पीले या पीली आभा लिए हरे रंग के होते हैं। पत्ते और बीज (ajmoda seeds) मसाले के रूप में प्रयुक्त होते हैं। इसमें एक उड़नशील तेल होता है जिसके कारण इसकी अपनी एक विशेष एवं मसालेदार सुगन्ध होती है।

अनेक भाषाओं में अजमोदा के नाम (Ajmoda Names in Different Languages)

अजमोदा का लैटिन भाषा में वानस्पतिक नाम  एपियम ग्रेवोलेंस (Apium Graveolens) तथा Syn-Carum graveolens (Linn.) Koso-Pol. है। इसका एक और नाम carum roxburghianum भी है। यह एपियासी Apiaceae कुल का पौधा है। इसका अंग्रेजी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में नाम नीचे दिये गए हैं –

Ajmoda/Celery Seeds in –

  • Hindi – अजमोद, अजमोदा, बड़ी अजमोद, अजमूदा, अजमोत
  • English (ajmoda in english) – Celery
  • Sanskrit – अजमोदा, अयमोदा, अजमोजा, खराश्वा, कारवी, मायूर, ब्रह्मकुशा, लोचमस्तका
  • Urdu – अजमोद (Ajmod)
  • Marathi (celery seeds in marathi)– अजमोदा (Ajmoda)
  • Bengali – रान्धुनी (Randhuni), अजमूद (Ajmud), चनु (Chanu), चंदनी (Chandani)
  • Nepali – अजमोडा (Ajmoda), जंगली ज्वानु (Jangali jwanu)
  • Punjabi – भूतजटा (Bhootjata)
  • Gujarati – बोडी अजमोदा (Bodi ajmoda), अजमोद (Ajmod)
  • Kannada (celery root in kannada)– अजमोदा वोमा (Ajmoda Boma), सेलेरिना (Selerina)
  • Tamil (ajmoda in tamil) – अजमोदा (Ajmoda), सेलेरीकेराई (Celery kerai)
  • Telugu (celery seeds in telugu) – अजुमोदा (Ajumoda), वोमा (Voma)
और पढ़ें – पीपल के फायदे और उपयोग

अजमोदा के फायदे (Medicinal Benefits of Ajmoda in Hindi)

अजमोदा के फायदे
अजमोदा के फायदे

अजमोदा का प्रयोग हिचकी, उल्टी, मलाशय यानी गुदा (Rectum) के दर्द, खांसी, बवासीर तथा पथरी आदि रोगों में लाभकारी है। पाचनसंस्थान के सभी अंगों पर इसका प्रभाव होता है और इस कारण पेट के रोगों को दूर करने वाली औषधियों में इसे मुख्य स्थान प्राप्त है। अजमोदा (ajmoda plant) के फल का चूर्ण या जड़ के काढ़े का सेवन करने से संधिवात, आमवात जैसे जोड़ों के दर्द वाले सभी रोग, गाउट यानी गठिया, हड्डी की कमजोरी के कारण होने वाले जोड़ो के दर्द, खाँसी, पित्त की थैली की पथरी तथा किडनी यानी गुर्दे की पथरी में बहुत लाभ होता है।

अजमोदा के बीज (Ajmoda Seeds) उत्तेजक, हृदय को बल प्रदान करने वाले,मासिक धर्म को नियमित करने वाले तथा पीब यानी पस निरोधक होते हैं। अजमोदा के बीज का तेल नितम्ब के दर्द को ठीक करता है, जलन समाप्त करता है और हृदय तथा नस-नाड़ियों को सक्रिय करने वाला होता है। अजमोदा की जड़ में भी यही गुण होते हैं।

और पढ़ें: गठिया में फायदेमंद गिलोय

दाँत के दर्द में अजमोदा से लाभ (Benefits of Ajmoda in Toothache in Hindi)

दाँत के दर्द में अजमोदा से लाभ
दाँत के दर्द में अजमोदा से लाभ

अजमोदा को आग पर हल्का भूनकर पीस लें और पाउडर बना लें। इस पाउडर को हल्के-हल्के मसूढ़ों व दांतों पर मलने से दाँत दर्द व मुँह के अन्य रोगों में तुरन्त लाभ होता है।

और पढ़े: दांत दर्द के लिए घरेलू इलाज

गले के संक्रमण में अजमोदा से फायदा (Benefits of Ajmoda in Sore Throat in Hindi)

  • गले का बैठना यानी बोलने में गले में दर्द होना, बहुत प्रयास करने पर भी गले से आवाज का नहीं निकलना आदि की समस्या को स्वरभेद कहा जाता है। एसिडिटी तथा गैस के कारण गला बैठने पर यवक्षार तथा अजमोदा के काढ़े को घी में पकाकर सेवन करें। इससे गले का संक्रमण ठीक होता है।
  • 2-3 ग्राम अजमोदा को पानी में उबाल लें। इसमें सेंधा नमक डालकर मुंह में देर तक रख कर गरारा यानी कुल्ला (गंडूष) करें। इससे स्वरभेद आदि कण्ठ-विकारों में लाभ होता है।

अजमोदा के सेवन से सूखी खाँसी का इलाज (Uses of Ajmoda in Fighting with Cough in Hindi)

पान के पत्ते में अजमोदा (Celery Seeds) को डालकर चबा कर धीरे-धीरे चूसने से सूखी खांसी में लाभ होता है।

और पढ़ें – बच्चों की खांसी का घरेलू उपचार

दम फूलना तथा हिचकी में लाभकारी है अजमोदा का उपयोग (Uses of Ajmoda in Bronchitis and Hiccups in Hindi)

दम फूलना तथा हिचकी में लाभकारी है अजमोदा का उपयोग
हिचकी में लाभकारी है अजमोदा

  • 2-3 ग्राम अजमोदा (Ajmoda Seeds) चूर्ण को गुनगुने पानी या शहद के साथ सेवन करने से दम फूलने में लाभ होता है।
  • भोजन करने के बाद हिचकियाँ आती हों तो अजमोद के 10-15 दाने मुँह में रखकर चूसने से हिचकी बंद हो जाती है।
और पढ़े- हिचकी रोकने के लिए घरेलू इलाज 

भूख बढ़ाए अजमोदा का सेवन (Ajmoda Helps in Increasing Appetite in Hindi)

पिप्पली, अजमोदा आदि भूख बढ़ाने वाले कसैली औषधियों को मिला कर काढ़ा बना लें। काढ़े को पीना संभव न हो तो इनका चूर्ण यानी पाउडर बना लें। काढ़े या चूर्ण का सेवन करने से भूख खुल कर लगने लगती है।

पेट की गैस दूर करे अजमोदा का प्रयोग (Ajmoda Benefits in Cure Gastritis Problem in Hindi)

  • अजमोदा के प्रयोग से पेट में बनी गैस निकल जाती है और इसके कारण होने वाले दर्द आदि समस्याओं में आराम मिलता है। सोंठ, काली मिर्च, पिप्पली तथा अजमोदा आदि द्रव्यों को मिला कर बनाए गए हिंग्वाष्टक चूर्ण का (2-4 ग्राम) सेवन करने से  गैस से पेट फूलने की समस्या में लाभ होता है।
  • 2-4 ग्राम अजमोदा (Celery Seeds) के चूर्ण को 10 ग्राम गुड़ के साथ मिला लें। इसे गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से अफारा यानी गैस से पेट का फूलना ठीक होता है।

और पढ़ें – पेट में गैस की समस्या दूर करने के घरेलू उपाय

दर्दयुक्त पेचिश ठीक करे अजमोदा का सेवन (Ajmoda Benefits in Painful Dysentery in Hindi)

दर्दयुक्त पेचिश ठीक करे अजमोदा का सेवन
पेचिश ठीक करे अजमोदा

अजमोदा पेचिश की अच्छी दवा है। इसके सेवन से पतले दस्त, मरोड़ें, दर्द आदि ठीक होते हैं।

  • 5 ग्राम मधु, 5 ग्राम मिश्री, 1 ग्राम अजमोदा, 2 ग्राम कट्वंग और आधा ग्राम मुलेठी को पीस कर के बारीक चूर्ण यानी पाउडर बना लें। 100 मिली दूध में 10 ग्राम घी के साथ इस चूर्ण को मिलाकर पीने से पेचिश के कारण होने वाला दर्द दूर होता है।
  • पाठा, अजमोदा, कुटज की छाल, नीलकमल, सोंठ तथा पिप्पली सभी को मिला कर कूट-पीस कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण (2-4 ग्राम) को गुनगुने जल के साथ  सेवन करने से पेचिश ठीक होता है।
  • अजमोद, सोंठ, मोचरस एवं धाय के फूलों को समान मात्रा में मिलाकर पीस लें। 1-2 ग्राम चूर्ण को छाछ के साथ दिन में 3-4 बार सेवन करने से पतले दस्त (अतिसार) बंद हो जाते हैं।

उल्टी बंद करे अजमोदा का सेवन (Ajmoda Uses to Stop Vomiting in Hindi)

  • कई बार कुछेक कसैली तथा कड़वी दवाओं के सेवन से रोगी को उल्टी हो जाती है, जिससे उन औषधियों का लाभ नहीं हो पाता। ऐसी औषधियों के साथ अजमोदा के 2-5 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से उल्टी की आशंका नहीं रहती है।
  • 2-5 ग्राम अजमोद एवं 2-3 लौंग की कली को पीस कर 1 चम्मच मधु के साथ चाटने से उलटी बंद होती है।

और पढ़ें – उल्टी रोकने के घरेलू उपाय

पेट का दर्द मिटाए अजमोदा का सेवन (Ajmoda Uses to Stop Vomiting in Hindi)

पेट के दर्द का मुख्य कारण आम यानी अनपचा भोजन तथा उसके कारण बनने वाली गैस होती है। अजमोदा भोजन को पचाता है और गैस को समाप्त करता है।

  • तीन ग्राम अजमोदा के चूर्ण में एक ग्राम काला नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लें। पेटदर्द में आराम होगा।
  • अजमोदा के एक ग्राम चूर्ण को  सुबह-शाम गुनगुने जल के साथ सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।
  • अजमोदा तेल की 2-3 बूंदों को 1 ग्राम सोंठ के चूर्ण में मिला कर गुनगुने जल के साथ सेवन करने से पेट का दर्द ठीक होता है।

और पढ़ें – बदहजमी ( अपच ) का कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

बवासीर में लाभकारी है अजमोदा का प्रयोग (Ajmoda Uses in Piles Treatment in Hindi)

बवासीर में मस्सों के कारण शौच में असहनीय पीड़ा होती है। इस पीड़ा के लिए ही नीम हकीम लिखते हैं सहा भी न जाए और कहा भी न जाए। अजमोदा को गर्म कर कपड़े में बांधकर मस्सों को सेंकने से दर्द में आराम होता है।

और पढ़ें –  बवासीर में अलसी के सेवन से फायदा

अजमोदा के प्रयोग से मूत्र रोग का इलाज (Ajmoda Benefits in Treatment of Urine Problems in Hindi)

अजमोदा के प्रयोग से मूत्र रोग का इलाज
अजमोदा के प्रयोग से मूत्र रोग का इलाज

  • अजमोदा की जड़ के 2-3 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पेशाब करने में दर्द, जलन आदि की समस्याएं ठीक होती हैं।
  • गैस के कारण मूत्राशय में दर्द होने पर अजमोद और नमक को साफ कपड़े में बांधकर पेट के निचले हिस्से यानी पेड़ू में सेंक करने से लाभ होता है।

और पढ़ें – मूत्र मार्ग (पेशाब) के संक्रमण के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार

अजमोदा के इस्तेमाल से पथरी का इलाज (Ajmoda is Beneficial in Kidney Stones in Hindi)

किडनी या मूत्रमार्ग (Urine Passages) में पथरी हो तो ऑपरेशन कराने की आवश्यकता नहीं है। अजमोदा में पथरी को गलाने का गुण होता है। 2-3 ग्राम अजमोदा के चूर्ण में आधा ग्राम यवक्षार मिला लें। इस चूर्ण को 10 मिली मूली के पत्तों के रस के साथ कुछ दिनों तक नित्य सुबह-शाम पीने से पथरी गल कर निकल जाती है। पेशाब भी खुलकर होता है।

दर्द तथा सूजन मिटाए अजमोदा का उपयोग (Ajmoda Uses in Reducing Body Inflammation & Pain in Hindi)

अजमोदा में दर्द और सूजन को दूर करने के गुण होते हैं। यह वात का शान्त करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। यह विचामिन सी तथा एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है और इसलिए गठिया बाय के दर्द को दूर करने में सहायक है। जोड़ों आदि शरीर की सूजन तथा दर्द को मिटाने के लिए इसके कुछ प्रयोग इस प्रकार हैं-

  • अजमोदा तथा सोंठ को मिलाकर महीन चूर्ण यानी पाउडर बना लें। इस चूर्ण को 1-2 ग्राम की मात्रा में लेकर पुराना गुड़ मिश्रित कर गुनगुने जल के साथ दिन में तीन बार सेवन करने से जोड़ों की सूजन, गठिया के कारण जोड़ों के दर्द, पीठ व जांघ का दर्द तथा अन्य वात रोग नष्ट होते हैं।
और पढ़ें – गठिया (अर्थराइटिस) के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार
  • अजमोदा, छोटी पीपल, गिलोय, रास्ना, सोंठ, अश्वगंधा, शतावरी एवं सौंफ इन आठ पदार्थों को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को डेढ़ ग्राम की मात्रा में 10 ग्राम घी के साथ दिन में दो बार सेवन करने से शरीर में होने वाली सूजन और वात विकारों में लाभ होता है।
  • अजमोदा को तेल में उबालकर मालिश करने से पीठ तथा बगलों में होने वाले दर्द में आराम मिलता है। अजमोदा के पत्तों को गर्म करके रोगी के बिस्तर पर बिछा देना चाहिए, ऊपर से रोगी को हल्का कपड़ा ओढ़ा देना चाहिए। इससे भी दर्द में आराम मिलता है।
  • अजमोदा की जड़ के काड़े को 10-20 मिली मात्रा में पीने से या फिर अजमोदा की जड़ के 2-5 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली सूजन तथा दर्द में आराम मिलता है।

और पढ़ें – पीठ के निचले हिस्से में दर्द से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

कुष्ठ रोग या कोढ़ में अजमोदा के उपयोग से लाभ (Ajmoda Benefits for Leprosy in Hindi)

अजमोद (ajmoda) के 2-5 ग्राम चूर्ण को गुड़ के साथ मिलाकर 7 दिन तक दिन में दो-तीन बार सेवन करने से शीतपित्त व कोढ़ रोग ठीक होते हैं। इस प्रयोग का सेवन करने के दौरान उपयुक्त तथा हितकारी भोजन ही लेना चाहिए और वस्त्र-निवास आदि में स्वच्छता का पालन करना चाहिए।

घावों को ठीक करे अजमोदा का प्रयोग (Benefits of Ajmoda in Wound Healing in Hindi)

घावों को ठीक करे अजमोदा का प्रयोग
घावों को ठीक करे अजमोदा

  • फोड़े यदि कच्चे हों तो उन्हें जल्दी पकाने के लिए अजमोदा को थोड़े गुड़ के साथ पीसकर सरसों के तेल में पका लें। इसे किसी साफ कपड़े में लगा कर घाव पर पट्टी की तरह बांधें। फोड़े शीघ्र पक कर फूट जाएँगे।
  • अजमोदा के फल का 1-4 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से घावों से खून का बहना बंद होता है।

अजमोदा के इस्तेमाल से बुखार में फायदा (Uses of Ajmoda in Fighting with Fever in Hindi)

चार ग्राम अजमोद (ajmoda) को नित्य सुबह ठंडे पानी के साथ बिना चबाए निगल जाएं। पुराने से पुराना बुखार ठीक होगा।

और पढ़ें – वायरल बुखार के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज

पेट में कीड़े की समस्या में अजमोदा ले लाभ (Benefits of Ajmoda for Abdominal worms in Hindi)

बच्चों की गुदा में कीड़े हो जाने पर अजमोदा को उपलों की आग पर डालकर धुआं दें और अजमोदा को पीसकर गुदा में लगाएं। कीड़े मर कर निकल जाएंगे।

और पढ़ें – बच्चों के बुखार के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार

अजमोदा के उपयोगी हिस्से (Useful Parts of Ajmoda in Hindi)

  • बीज (ajmoda seeds)
  • जड़
  • पत्ते
  • तेल

अजमोदा का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Ajmodadi Churna?)

  • काढ़ा  – 10-20 मिली
  • चूर्ण – 2-5 ग्राम

चिकित्सक के परामर्शानुसार।

अजमोदा से नुकसान (Side Effects of Ajmoda in Hindi)

अजमोदा से सेवन से ये नुकसान भी हो सकते हैंः-

  • विदाही होने के कारण अजमोदा का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से छाती में जलन हो सकती है।
  • गर्भाशयोत्तेजक होने के कारण गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • मिर्गी के रोगी को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

और पढ़ें – 

मूंगफली के फायदे, उपयोग और नुकसान

जीरा के फायदे, औषधीय गुण, उपयोग और नुकसान

गोरखमुंडी के औषधीय गुण, फायदे व नुकसान

अजमोदा के फायदे, उपयोग और नुकसान - Ajmoda Benefits and Side Effects in Hindi अजमोदा के फायदे, उपयोग और नुकसान - Ajmoda Benefits and Side Effects in Hindi Reviewed by Comnetin on शनिवार, सितंबर 16, 2023 Rating: 5
Blogger द्वारा संचालित.