जायफल के फायदे व नुकसान : Nutmeg Health Benefits And Side-Effects In Hindi
जायफल के फायदे, नुकसान, कैसे करें जायफल का इस्तेमाल Nutmeg benefits, side effects, how to use nutmeg
जायफल के फायदे व उपयोग : Jaiphal Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi)
जायफल के फायदे व नुकसान |
जायफल क्या है? (What is Nutmeg in Hindi?)
जायफल (nutmeg in Hindi) एक जड़ी-बूटी है, जिसका प्रयोग मसाले के रूप में होता है। इसकी दो प्रजातियां होती हैं, जो ये हैंः-
- जायफल
- जंगली जायफल
जायफल का वृक्ष (nutmeg tree) हमेशा हरा रहने वाला और सुगन्धित होता है। वृक्ष के तने शयामले रंग के होते हैं, जिसमें बाहर छिद्र होता है। अन्दर लाल रंग के द्रव्य होते हैं। इसके पत्ते लम्बे और भालाकार होते हैं। इसके फूल (mace flower) छोटे-छोटे, सुगंधित और पीले-सफेद रंग के होते हैं। यह गोलाकार, अण्डाकार लाल और पीला रंग का होता है। फल पकने पर दो भागों में फट जाता है, जिसमें से जायफल निकलता है।
जायफल को चारों ओर से घेरे हुए लाल रंग का कड़ा मांसल कवच होता है, जिसे जावित्री‘ कहते हैं। यह सूखने पर अलग हो जाता है। इसी जावित्री के अन्दर जायफल होता है। यह अण्डाकार, गोल और बाहर से शमायला रंग का सिकुड़ा हुआ, और तीव्र गन्धयुक्त होता है।
अनेक भाषाओं में जायफल के नाम (Name of Jaifal in Different Languages)
जायफल का वानस्पतिक नाम मिरिस्टिका प्रैंग्रेन्स (Myristica fragrans Houtt., Syn-Myristica aromatica Lam., Myristica officinalis Mart) है। यह मिरिस्टिकेसी (Myristicaceae) कुल का है। इसे और भी कई नाम से जाना जाता है, जो ये हैंः-
Names of Nutmeg in different languages:
- Name of Jaiphal in Hindi (Nutmeg in Hindi) – जायफल, जायफर
- Name of Jaiphal in English – नट् मेग (Nutmeg), फॉल्स एरिल (False aril), प्रैंग्रैन्ट नट ट्री (Fragrant nut tree), ट्रू नटमेग (True nutmeg), मैक ट्री (Mac tree)
- Name of Jaiphal in Sanskrit– जातीफल, मालतीफल
- Name of Jaiphal in Oriya– जायफोलो (Jaipholo)
- Name of Jaifal in Kannada– जाजीकाय (Jajikaya)
- Name of Jaifal in Gujarati– जायफल (Jayaphal)
- Name of Jaiphal in Telugu– जाजीकाय (Jajikaya), जाजीपत्री (Jajipattiri)
- Name of Jaifal in Tamil - अडिपलम (Adipalam), अट्टिगम (Attigam)
- Name of Jaiphal in Nepali– जाइफल (Jaiphal);
- Name of Jaiphal in Punjabi– जयफल (Jayphala)
- Name of Jaiphal in Marathi (nutmeg in marathi)- जायफल (Jayaphala), बांडा जायफल (Banda jayaphala)
- Name of Jaifal in Malayalam (nutmeg in malayalam)- जाति (Jati)
- Name of Jaifal in Arabic– जीआन्सीबेन (Jiansiban), जोउजबाव्वा (Jouzbawwa)
जायफल के फायदे (Jaiphal Benefits and Uses in Hindi)
जायफल (jaiphal) के औषधीय प्रयोग का तरीका, मात्रा एवं विधियाां ये हैं-
बाल रोग में उपयोगी जायफल का सेवन (Jaiphal Benefits for Baby Problem in Hindi)
जायफल और मायाफल के बराबर-बराबर चूर्ण को धीमी आग पर भून लें। इसमें बारह भाग मिश्री मिला लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सुबह दूध के साथ बच्चों को सेवन कराएं। इससे बच्चों के बल की वृद्धि होती है। बच्चों के रोगों ठीक होते हैं।
स्तनपान बंद (बच्चों को दूध पीना छुड़ाने) करने के लिए जायफल का प्रयोग (Jaiphal Benefits for Weaning Off in Baby in Hindi)
ऐसा प्रायः देखा जाता है कि माताएं जब छोटे बच्चों को दूध पीना छुड़ाना चाहती हैं तो बच्चे आसानी से दूध नहीं छोड़ते हैं। ऐसी स्थिति में जायफल आपके काम आ सकता है। बच्चों को दूध पीना छुड़ाने के लिए जायफल का प्रयोग करना चाहिए। यह लाभ देता है। उपयोग के बारे में किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर पूछ लें।
सेक्सुअल पॉवर (पुरुषत्व या मर्दाना ताकत) बढ़ाने में जायफल के फायदे (Benefits of Nutmeg to Increase Sexual Power in Hindi)
सेक्सुअल पॉवर बढ़ाने में जायफल के फायदे |
कई लोगों को सेक्सुअल पॉवर की कमी होने की शिकायत रहती है। ऐसे लोग पुरुषत्व (मर्दाना ताकत) को बढ़ाने के लिए जायफल का इस्तेमाल कर सकते हैं। जायफल, अकरकरा, जायफल, जावित्री, इलायची, कस्तूरी और केसर को दूध में पका लें। इस दूध में मिश्री मिलाकर पिएं। इससे पौरुष शक्ति (पुरुषत्व) की वृद्धि होती है।
और पढ़ें:- सेक्सुअल पॉवर (स्टेमना) को बढ़ाने के लिए शतावरी का सेवन
मुंह के छाले की समस्या में जायफल का उपयोग (Ground Nutmeg Benefits to Treat Mouth Ulcers in Hindi)
मुंह के छाले को ठीक करने के लिए ताजे जायफल के रस को पानी में मिलाकर कुल्ला करें। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
चेहरे के दाग-धब्बों (झाईयां) में जायफल के फायदे (Jaiphal Benefits to Treat Skin Scars in Hindi)
- जायफल को पीसकर (Ground nutmeg) शहद मिला लें। इसे चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग और धब्बे मिटते हैं।
- जावित्री और जायफल के बारीक चूर्ण को पानी में घोलकर लेप करने से चेहरे की झाईयाँ मिट जाती हैं।
बिवाई (हाथ-पैर की त्वचा के फटने) में जायफल से लाभ (Jaiphal Benefits for Cracked Heal in Hindi)
बिवाई में जायफल से लाभ |
प्रायः सर्दी के मौसम में हाथों और पैरों की त्वचा फट जाया करती है। इसमें जायफल को जल में घिसकर पैरों में लेप करें। इससे बिवाइयां ठीक हो जाती हैं।
त्वचा रोग में जायफल से लाभ (Jaiphal Benefits for Skin Disease in Hindi)
जायफल के तेल की मालिश करने से त्वचा संबंधित रोग दूर होता है। आप बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जायफल के उपयोग की जानकारी ले सकते हैं।
और पढ़ें: चर्म रोग में एलोवेरा के प्रयोग से लाभ
मुंह से बदबू आने पर जायफल से लाभ (Ground Nutmeg Benefits to Cure Mouth Smell in Hindi)
बराबर-बराबर भाग में कूठ, कमल, जावित्री और जायफल के चूर्ण लें। इसकी 500 मिग्रा की गोली बनाकर चूसें। इससे मुंह से दुर्गंध आने की परेशानी ठीक हो जाती है।
और पढें – मुंह से बदबू आने पर गोरखमुंडी से लाभ
दांत दर्द में फायदेमंद जायफल का उपयोग (Jaifal Benefits for Dental Pain in Hindi)
जायफल के तेल में भिगोयी हुई रूई के फाहे को दांतों में रखें। आपको दांत में दबाकर रखना है। इससे दांत के दर्द से आराम मिलता है।
और पढ़ें: दाँत के दर्द में अजमोदा से लाभ
माइग्रेन (आधासीसी) में जायफल का उपयोग लाभदायक (Benefits of Jaifal in Migraine in Hindi)
जायफल के छिलके को वनफ्सा के तेल में पीस लें। इसे 1-2 बूंद नाक में डालने से आधासीसी (अधकपारी) के दर्द में आराम मिलता है।
और पढ़ें: माइग्रेन में रीठा के फायदे
सिर दर्द में जायफल के औषधीय गुण से लाभ (Uses of Jaifal in Relief from Headache in Hindi)
जायफल का उपयोग सिरदर्द में भी बहुत ही फायदेमद होता है। जायफल को पानी में घिसकर सिर पर लगाएं। इससे सिर दर्द ठीक होता है।
और पढ़ें: सिर दर्द से आराम दिलाता है गुड़हल का सेवन
कान के रोग में जायफल के औधषीय गुण से फायदे (Ground Nutmeg Uses to Cure Ear Disease in Hindi)
कान के रोग में जायफल से फायदे |
जायफल को पीसकर (Ground nutmeg) कान के पीछे लेप करने से कान का दर्द और सूजन ठीक होता है।
जायफल को तेल में उबालकर छान लें। इसे 1-2 बूंद की मात्रा में कान में डालने से कान की बीमारी ठीक होती है।
और पढ़ें: कान दर्द में राई के फायदे
खांसी में जायफल के गुण से लाभ (Jaiphal Powder Uses in Fighting with Cough in Hindi)
खांसी का इलाज करने के लिए 500 मिग्रा जातिफलादि चूर्ण में मधु (शहद) मिलाकर सेवन करें। इससे खांसी, साँस का फूलना, भूख ना लगना, टीबी की बीमारी, और वात-कफ विकार के कारण होने वाली सर्दी-जुकाम में फायदा होता है।
और पढ़ें: खांसी में फायदा पहुंचाता है मूली का सेवन
अधिक प्यास लगने की परेशानी में जायफल का उपयोग फायदेमंंद (Jaiphal Benefits for Thirsty Problem in Hindi)
जायफल को रात भर ठंडे पानी में डूबो कर रखें। सुबह 5-10 मिली मात्रा में इस पानी को पिलाने से अत्यधिक प्यास लगने की समस्या ठीक होती है।
भूख बढ़ाने के लिए जायफल का प्रयोग (Ground Nutmeg Benefits for Appetite Problem in Hindi)
भूख बढ़ाने के लिए जायफल का प्रयोग |
बराबर-बराबर भाग में कंकोल, देवदारू, दालचीनी, सेंधा नमक, बेल, मरिच, जायफल, जीरक-द्वय और जावित्री लें। इनका बारीक चूर्ण (mace powder) कर लें। इसमें मातुलुंग नींबू का रस मिलाकर 250 मिग्रा की गोलियाँ बना लें। इसका सेवन करने से अरुचि (भूख का बढ़ना) और दस्त की परेशानी ठीक होती है। जायफल को पानी में घिसकर पिलाने से जी मिचलाना ठीक होता है।
पाचनतंत्र विकार में जायफल से लाभ (Jaiphal Powder Uses in Indigestion in Hindi)
- 500 मिग्रा जायफल के चूर्ण (Ground nutmeg) को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होती है।
- बराबर-बराबर भाग में जायफल, जौ, नागरमोथा और बेल के चूर्ण (1-3 ग्राम) को छाछ के साथ सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होती है, और ग्रहणी रोग में लाभ होता है।
पेट के रोग में जायफल के औषधीय गुण से फायदा (Uses of Jaiphal for Stomach Disease in Hindi)
- पेट की बीमारी में 1-2 जातिफलादि वटी का सुबह और शाम सेवन करें। इससे पेट की बीमारी में लाभ होता है।
- पेट दर्द की परेशानी में 1-2 बूंद जायफल तेल को बताशे में डालकर खिलाएं। इससे पेट दर्द से आराम मिलता है।
और पढ़ें: अजवाइन के प्रयोग से पेट दर्द से राहत
दस्त पर रोक लगाने के लिए जायफल का इस्तेमाल (Ground Nutmeg Benefits to Stop Diarrhea in Hindi)
- बराबर-बराबर भाग में जायफल और सोंठ (500 मिग्रा) लें। इसे जल में घिसकर सेवन करने से दस्त ठीक हो जाता है। इस दौरान स्वस्थ भोजन करना जरूरी है।
- दस्त पर रोक लगाने के लिए जायफल को घिसकर नाभि में लेप करें। इससे दस्त की गंभीर बीमारी भी तुरंत ठीक हो जाती है।
- दस्त को ठीक करने के लिए जायफल, लौंग, सफेद जीरा और सुहागा के 1 ग्राम चूर्ण में मधु और मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे दस्त की गंभीर बीमारी ठीक हो जाती है।
- इसी तरह 1-2 जातीफलादि वटी को सुबह और शाम छाछ के साथ सेवन करने से सभी तरह के दस्त ठीक हो जाते हैं।
- 500 मिग्रा जायफल (jayfal) चूर्ण में शहद मिलाकर खाने से पेट की गैस और दस्त की समस्या से आराम मिलता है।
- उल्टी और दस्त की बीमारी में 500 मिग्रा जायफल के चूर्ण में घी और खांड मिलाकर चाटें। इससे लाभ होता है।
और पढ़ें: मूंगफली के औषधीय गुण से दस्त पर रोक
लकवा (पक्षाघात) में जायफल का औधषीय गुण फायदेमंद (Nutmeg Benefits for Paralysis in Hindi)
लकवे की बीमारी में भी जायफल का फायदा लिया जा सकता है। जायफल को मुंह में रखकर चूसने से लकवा रोग में लाभ होता है।
और पढ़ें – लकवा की समस्या में बला के फायदे
जायफल का प्रयोग कर गठिया का इलाज (Uses of Nutmeg for Arthritis in Hindi)
जायफल का प्रयोग कर गठिया का इलाज |
जायफल (jayfal) या जावित्री तेल को सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर लगाएं। इससे जकड़न, मोच, गठिया, लकवा में लाभ होता है।
और पढ़ें – अश्वगंधा गुम गठिया के इलाज के लिए फायदेमंद
जायफल के उपयोगी भाग (Useful Parts of Jaifal)
जायफल (jaiphal) का इस्तेमाल इस तरह से किया जा सकता हैः-
- जायफल बीज (नटमेग)
- बीजचोल (मेस)
- तेल
जायफल का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Consume Jaifal?)
जायफल का इस्तेमाल इतनी मात्रा में करनी चाहिएः-
- जायफल चूर्ण (Ground nutmeg) – 0.5-1 ग्राम
- तेल- 1-3 बूंद
किसे जायफल का उपयोग नहीं करना चाहिए? (Who Should Not Use Jaifal?)
जायफल के नुकसान से बचने के लिए इन लोगों को जायफल का उपयोग नहीं करना चाहिएः-
- जायफल का प्रयोग गर्भावस्था में नहीं किया जाना चाहिए।
- जिन लोगों को एलर्जी की शिकायत रहती है, उन्हें चिकित्सक से सलाह लेकर जायफल का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा संबंधित विकार हो सकता है।
और पढ़ें – गर्भावस्था में खांसी के लिए घरेलू उपचार
जायफल के साइड इफेक्ट (Jaiphal Side Effects in Hindi)
आयुर्वेद के अनुसार, जायफल के ये नुकसान भी हो सकता हैः-
- इसकी 5 ग्राम या उससे अधिक मात्रा का प्रयोग करने पर हिचकी, बहुत अधिक प्यास लगना, पेट दर्द, मानसिक विकार, व्याकुलता, बेहोशी, द्विरूपता (Double vision), लीवर से जुड़ी परेशानी हो सकती है।
- इससे मृत्यु भी हो सकती है।
- जायफल (jaiphal) के बीज का चूर्ण अत्यधिक कामोत्तेजक होता है, और अधिक मात्रा में इसका प्रयोग नुकसान पहुंचा सकता है।
और पढ़ें –