गोखरू के फायदे, उपयोग एवं नुकसान : Gokhru ke Fayde in Hindi
जानिए गोखरू के फायदे व नुक्सान। कैसे करना चाहिये गोखरू काढ़ा व गोखरू पाउडर का उपयोग? अस्थमा, बाँझपन, बुखार, एक्ज़िमा व अन्य रोगों के इलाज में लाभकारी गोखरू।
गोखरू के फायदे : Benefits and Uses of Gokshura in Hindi
गोखरू के फायदे |
गोखरू का परिचय (Introduction of Gokhru)
गोखरू एक ऐसी जड़ी बूटी है जो सदियों से मानव के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद ही साबित हुआ है। ये उन जड़ी बूटियों में से एक है जो वात पित्त और कफ तीनों को नियंत्रित करने में सहायता करती है। गोखरू का फल, पत्ता और तना आयुर्वेद में औषधि के रूप में प्रयोग (gokhru ke fayde) किये जाता है। ये सिर्फ बीमारियों के लिए नहीं बल्कि यौन समस्याओं को ठीक करने में बहुत फायदेमंद साबित होता है। आइये जानते हैं गोखरू का उपयोग और गोखरू के फायदे ।
गोखरू क्या है? (What is Gokhru in Hindi?)
शायद आप इस बात से अनभिज्ञ हैं कि वर्षा ऋतु में गोखरू अधिकता से फलते-फूलते हैं। इसके पौधे जमीन पर छत्ते की तरह फैले रहते हैं। चरक-संहिता में इसका मूत्र संबंधी रोग तथा वात रोग में उपचार स्वरुप उपयोग करने का उल्लेख मिलता है।
यहां तक कि सूजन कम करने में भी गोखरू का प्रयोग किया जाता है। गोक्षुर के जड़ को दशमूल में और फल को वृष्य के रुप में प्रयोग करते है। इसके पत्ते चने के जैसे होते हैं। इसलिए संस्कृत में इसे चणद्रुम कहते हैं।
गोखरू वर्षा ऋतु में जमीन पर फैलकर बढ़ने वाला, शाखा-प्रशाखायुक्त पौधा होता है। इसके तने 1.5 मी लम्बे, और जमीन पर फैले हुए होते हैं। शाखाओं के नये भाग मुलायम होते हैं; पत्ते चने के पत्तों के समान, परन्तु आकार में कुछ बड़े होते हैं। इसके फूल पीले, छोटे, चक्राकार, कांटों से युक्त, चमकीले लगभग 0.7-2 सेमी व्यास या डाइमीटर के होते हैं।
इसके फल छोटे, गोल, चपटे, पांच कोण वाले, 2-6 कंटक युक्त व अनेक बीजी होते हैं। इसकी जड़ मुलायम रेशेदार, 10-15 सेमी लम्बी, हल्के भूरे रंग के एवं थोड़े सुगन्धित होते हैं। गोखुरू अगस्त से दिसम्बर महीने में फलते-फूलते हैं।
गोखुर के गुण अनगिनत है। जिसके कारण ही यह सेहत और रोगों दोनों के लिए औषधि के रुप में काम करता है। गोक्षुर या गोखरू वातपित्त, सूजन, दर्द को कम करने में सहायता करने के साथ-साथ, रक्त-पित्त(नाक-कान से खून बहना) से राहत दिलाने वाला, कफ दूर करने वाला, मूत्राशय संबंधी रोगों में लाभकारी, शक्तिवर्द्धक और स्वादिष्ट होता है।
गोक्षुर का बीज ठंडे तासीर का होता है। इसके सेवन से मूत्र अगर कम हो रहा है वह समस्या दूर हो जाती है। गोखुर का क्षार या रस मधुर, ठंडा तथा वात रोग में फायदेमंद होता है।
अन्य भाषाओं में गोखरू के नाम (Name of Gokshur in Different Languages?)
गोखुरू का वानस्पतिक नाम : Tribulus terrestris Linn. (ट्रिब्युलस टेरेस्ट्रिस) Syn-Tribulus lanuginosus Linn है। गोखरू Zygophyllaceae (जाइगोफिलेसी) कुल का है।
इसके अलावा गोखरू को अंग्रेज़ी में Land caltrops (लैण्ड कैल्ट्रॉप्स) कहते हैं, लेकिन यह भारत के अन्य प्रांतों में कई नामों से जाना जाता है।
Gokhru in Other Languages-
- Sanskrit –गोक्षुरक, त्रिकण्ट, स्वादुकण्टक, गोकण्टक, गोक्षुरक,वन शृङ्गाट, पलङकषा, श्वदंष्ट्रा, इक्षुगन्धिका, चणद्रुम;
- Hindi –गोखरू, छोटा गोखरू, हाथीचिकार;
- Oriya –गाखुरा (Gokhura), गोक्षरा (Gokshra);
- Urdu –गोखरू (Gokharu);
- Kannada –नेग्गिलुमुल्लु (Negillumullu), नेरूंजी (Nerunji);
- Gujrati –बेटागोखरू (Betagokharu), नहानगोखरू (Nahanagokharu);
- Tamil –नेरिंजिल (Nerinjil), नेरींजीकाई (Nerinjeekai);
- Telugu –पाल्लैरु (Palleru), चिरूपाल्लैरू (Chirupalleru), चिरूपल्लेख (Cherupallekh);
- Bengali –गोखरू (Gokharu), गोखुरी (Gokhuri);
- Punjabi –बखरा (Bakhra), लोटक (Lotak), भखर (Bhakhar);
- Marathi –शराट्टे (Sharatte), काटे गोखरू (Kate gokharu), लहानगोखरू (Lahangokharu), सरला ज्ञरोत्ते (Sarla gyarote);
- Malayalam –नेरिंजिल (Neringil)।
- English –डेविल्स् थोर्न (Devil’s thorn), गोट हैड (Goat head), पंक्चर वाईन (Puncture vine), स्मॉल कैल्ट्रॉप्स (Small caltrops);
- Arbi –बास्तीताज (Bastitaj), खसक (Khasak), मसक (Masak);
- Persian –खारेखसक (Khare khasak)।
गोखरू के फायदे (Benefits and Uses of Gokshura in Hindi)
गोखरू के सामान्य फायदों (gokhru ke fayde) के बारे में तो सुना है लेकिन ये किस तरह और कौन-कौन से बीमारियों के लिए फायदेमंद है और गोखरू का उपयोग कैसे करना चाहिए चलिये इसके बारे में जानते हैं।
सिरदर्द में गोखरू काढ़ा के फायदे (Gokshura kadha benefits to get relief from Headache in Hindi)
सिरदर्द में गोखरू काढ़ा के फायदे |
आजकल के तनाव भरे जिंदगी में सिर दर्द की बीमारी का शिकार ज्यादा से ज्यादा लोग होने लगे हैं। 10-20 मिली गोखरू काढ़ा (Gokhru kadha) को सुबह-शाम पिलाने से पित्त के बढ़ जाने के कारण जो सिर दर्द होता है उससे आराम मिलता है। इस तरह गोखरू का उपयोग करने से लाभ होगा।
गोखरू चूर्ण के फायदे – दमा से दिलाये राहत गोखर (Pedalium murex or Gokshura Benefits in Asthma in Hindi)
आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण के कारण बहुत लोग दमे का शिकार होने लगे हैं। गोखरू का सेवन इस तरह से करने पर दमे से जल्दी आराम मिलता है। 2 ग्राम गोखुर के फल चूर्ण (gokhru powder benefits in hindi) को 2-3 नग सूखे अंजीर के साथ दिन में तीन बार कुछ दिनों तक लगातार सेवन करने से दमा में लाभ होता है। गोक्षुर तथा अश्वगंधा को समान मात्रा में लेकर उसके सूक्ष्म चूर्ण में 2 चम्मच मधु मिलाकर दिन में दो बार 250 मिली दूध के साथ सेवन करने से सांस संबंधी समस्या एवं कमजोरी में लाभ मिलता है।
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हाजमा बढ़ाये गोखरू का काढ़ा (Gokhru Kadha Beneficial in Digestion in Hindi)
गोखरू का काढ़ा (gokhru ke fayde in hindi) पिलाने से जिसकी हजम शक्ति कमजोर है उसको खाना हजम करने में आसानी होती है। गोखरू के 30-40 मिली गोखरू काढ़ा (Gokhru Kadha) में 5 ग्राम पीपल के चूर्ण का मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से पाचन-शक्ति बढ़ती है। यह गोखरू का उपयोग बहुत ही फायदेमंद है।
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दस्त रोकने में फायदेमंद गोखरू (Gokhru or Gokshura to Fight Diarrhoea in Hindi)
अगर मसालेदार खाना खाने के बाद दस्त हो रहा है तो गोखरू बहुत काम आता है। 500 मिग्रा गोक्षुरफल चूर्ण को मट्ठे के साथ दिन में दो बार खिलाने से अतिसार और आमातिसार में लाभ होता है।
मूत्रकृच्छ्र या पेशाब संबंधी बीमारी में गोखरू के फायदे (Benefits of Gokhru Kadha in Dysuria in Hindi)
पेशाब संबंधी बीमारी में गोखरू के फायदे |
मूत्रकृच्छ्र की बीमारी में मूत्र संबंधी बहुत तरह की समस्याएं आती हैं, जैसे- मूत्र करते समय दर्द और जलन, रुक-रुक पेशाब आना, कम पेशाब आना आदि। ऐसे समस्याओं में गोखरू (gokhru ke fayde in hindi) बहुत काम आता है।
- 20-30 मिली गोखरू काढ़ा (Gokhru Kadha) में 125 मिग्रा यवक्षार या मधु (एक चम्मच) डालकर दिन में दो-तीन बार पिलाने से मूत्रकृच्छ्र में लाभ होता है।
- गोखरू की जड़ (10-15 ग्राम) और समान मात्रा में चावलों को एक साथ अच्छी तरह मिलाकर पानी में उबालकर पिलाने से मूत्रवृद्धि होती है।
- 2 ग्राम गोखरू चूर्ण में 2-3 नग काली मिर्च और 10 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह, दोपहर और शाम सेवन करने से मूत्रकृच्छ्र में लाभ होता है।
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पथरी या अश्मरी में गोखरू के फायदे (Gokshura Benefits in Kidney Stone in Hindi)
आजकल के जीवनशैली और प्रदूषित आहार के कारण पथरी की समस्या से लोग परेशान रहते हैं। गोखरू के सेवन (gokhru ke fayde) से पथरी को प्राकृतिक तरीके से निकालने में मदद मिलती है। 5 ग्राम गोखरू चूर्ण (Gokhru) को 1 चम्मच मधु के साथ दिन में तीन बार खाने के बाद ऊपर से बकरी का दूध पिलाने से अश्मरी टूट-टूट कर निकल जाती है।
गर्भाशय शूल या यूटेरस के दर्द में गोखरू के फायदे (Benefits of Gokshura in Uteralgia in Hindi)
अगर किसी कारण गर्भाशय में दर्द हो रहा है तो गोखरू का सेवन बहुत गुणकारी (gokhru ke fayde) होता है। 5 ग्राम गोखरू फल, 5 ग्राम काली किशमिश और दो ग्राम मुलेठी इनको पीसकर सुबह शाम सेवन करने से गर्भाशय के दर्द से राहत मिलती है।
आमवात या रूमाटाइड के दर्द से दिलाये आराम गोखरू का उपयोग (Uses of Gokhru or Gokshura to Treat Rheumatism in Hindi)
उम्र के बढ़ने के साथ जोड़ो में दर्द से सब परेशान रहते हैं। गोखरू फल में समान भाग सोंठ चतुर्थांश का काढ़ा बनाकर सुबह एवं रात में सेवन करने से कमर दर्द, जोड़ो के दर्द से आराम मिलती है।
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चर्मरोग में गोखरू के फायदे (Gokhru or Gokshura Benefits for Skin Disease in Hindi)
चर्मरोग में गोखरू के फायदे |
आज के प्रदूषण भरे वातावरण में त्वचा रोग होना लाज़मी हो गया है। गोखुर फल को पानी में पीसकर त्वचा में लेप करने से खुजली, दाद आदि त्वचा संबंधी रोगों में लाभ (gokhru benefits) होता है।
लो स्पर्म काउन्ट में फायदेमंद गोखरू (Gokshura or Gokhru Benefits to Boost Low Sperm Count in Hindi)
अगर स्पर्म काउन्ट कम होने के कारण आपके पिता बनने में समस्या उत्पन्न हो रही है तो गोखरू का सेवन इस तरह से करें। गोखरू के 20 ग्राम फलों को 250 मिली दूध में उबालकर सुबह शाम पिलाने से स्पर्म या वीर्य संबंधी समस्याएं कम होती है। इसके अलावा 10 ग्राम गोखरू एवं 10 ग्राम शतावर को 250 मिली दूध के साथ उबालकर पिलाने से स्पर्म का काउन्ट और क्वालिटी बढ़ती है तथा शरीर को शक्ति मिलती है।
ज्वर या बुखार में गोखरू के फायदे (Benefits of Gokhru kadha for Fever in Hindi)
अगर मौसम के बदलने के साथ-साथ बार-बार बुखार आता है तो गोखरू का सेवन बहुत फायदेमंद (gokhru benefits) हैं। 15 ग्राम गोखरू पञ्चाङ्ग को 250 मिली जल में उबालकर, काढ़ा (Gokhru Kadha) बना लें। काढ़ा को चार बार पिलाने से ज्वर के लक्षणों से राहत मिलती है। इसके अलावा 2 ग्राम गोखरू पञ्चाङ्ग चूर्ण के नियमित सेवन करने से बुखार कम होता है।
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रक्तपित्त ((कान-नाक से खून बहना) में गोखरू के फायदे (Gokhru kadha Beneficial in Haemoptysis ya Raktpitta in Hindi)
रक्तपित्त में गोखरू के फायदे |
अगर रक्तपित्त के समस्या से पीड़ित हैं तो गोखरू का ऐसे सेवन करने से लाभ मिलता है। 10 ग्राम गोखुर को 250 मिली दूध में उबालकर पिलाने से रक्तपित्त में लाभ होता है।
गोखरू का उपयोगी भाग (Useful Parts of Gokhru)
गोखरू का औषधि के रूप में पत्ता, फल, तना और पञ्चाङ्ग का प्रयोग किया जाता है।
गोखरू का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?(How to Use Gokhru podi in Hindi?)
चिकित्सक के परामर्शानुसार
गोखरू चूर्ण -3-6 ग्राम और गोखरू काढ़े -20-40 मिली का सेवन कर सकते हैं।
बीमारी के लिए गोखरू के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए गोखरू का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।